आत्म-विश्वास सफलता की कुंजी!!

आत्म-विश्वास सफलता की कुंजी !!!


दोस्तों,  कैसे हैं आप सब? क्या आपको पता  है कि हमे  आज-कल के ज़माने में सफल होने के लिए क्या चाहिए? हमे सफल होने के लिए आत्म-विश्वास की बहुत आवश्यकता है. आखिर क्या होता है ये आत्म-विश्वास? आत्म-विश्वास से तात्पर्य है, अपने ऊपर विश्वास रखना, यानि हम किसी काम को पूरा करने केलिए अपने ऊपर निर्भर हो और सफलता न मिलने पर भी हताश न होते हुए, फिर से अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हो सकने में समर्थ हों. काफी मुश्किल सा प्रतीत होता है ये, परंतु असंभव बिलकुल भी नहीं. आज के समय में आत्म-विश्वास की आवश्यकता सिर्फ हमारी जॉब्स में ही नहीं है बल्कि ये  हमारे जीवन में भी एक बहुत आवश्यक भूमिका निभाता है. मैं  आप को बताने जा रही हूँ कि आप कैसे अपना आत्म -विश्वास बढ़ा सकते हैं और वो भी ज़्यादा इन्वेस्टमेंट किये हुए. 
सबसे पहले आप को  अपना  थोड़ा सा समय स्वयं के लिए निकलना होगा. ज़रा अपनेआप को अपने नज़रिये से देखिये और पता करिये कि आप  में कितनी SKILLS हैं. और ये SKILLS आपके लक्ष्य को प्राप्त करने में आपको कितनी सहायता कर सकती हैं. अब बारी आती है उन SKILLS को इम्प्रूव करने की प्रकिया शुरू करने की. लेकिन स्किल्स इम्प्रूवमेंट के पहले भी कुछ बहुत ज़रूरी चीज़ें हैं जिनपर आपको ध्यान देना ही होगा. 

आत्म-विश्वास के लिए अपनी तुलना दूसरों से करना छोड़ दें. 


यहाँ, मैं आपको बतानी चाहूंगी कि अपने आप को दूसरों से तुलना करने की आदत यदि आप में है तो उसे बिलकुल छोड़ दीजिये. आप जैसे भी हैं, वैसे ही अपने आप को पसंद करें. ज़रा सोचिये यदि आप स्वयं को ही पसंद नहीं करेंगे तो आप दूसरों से कैसे अपेक्षा कर सकते हैं कि वे आप को पसंद करेंगे. अपनी कमियों को जानना अच्छी  बात है परंतु उन्हें अपनी कमज़ोरियाँ बनाने से हम अपने आत्म-विश्वास को तो कम करते ही हैं, साथ-साथ अपने जीवन में भी नकारात्मकता को बुलावा दे देते हैं. ये सोचना छोड़ें कि दूसरा आपसे ज़्यादा सफल कैसे है क्योंकि इससे आप सिर्फ कुंठा से ग्रस्त होंगे। तो आज से ये सोचिये कि आप क्यों उन्नति के मार्ग में पीछे हैं. पिछले वर्ष की तुलना में आप इस वर्ष कहाँ ठहरते हैं...ये जानना आपके लिए ज़्यादा ज़रूरी है. इसका मतलब बिलकुल साफ़ है हमारी प्रतिस्पर्धा स्वयं से है न कि किसी और से.

नकारात्मकता से करें किनारा 


अपने आत्म-विश्वास को बढ़ाने के लिए बहुत ज़रूरी है कि हम अपने बारे में नकारात्मक बातें न करें. हमारे बीच में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो नकारात्मक घटनाओं को बार-बार दोहराते रहते हैं और उसका बहुत ही नकारात्मक प्रभाव हमारी मानसिकता पर पड़ता है और जिससे हमारा पूरा व्यक्तित्व नकारात्मक हो जाता है. दोस्तों, नकारात्मक लोग कभी भी  एक शानदार और सफल जीवन नहीं जी सकते और अगर मान लो उन्होंने सफलता प्राप्त कर भी ली तो भी वे कभी उससे संतुष्ट नहीं हो पाएंगे. कृपया समझे, कि नकारात्मकता हमारे आत्म-विश्वास  को पूर्णतया तोड़ देती है.

अपने सकारात्मक पक्ष पर दे ध्यान

दोस्तों, आपको याद ही होगा अभिनेत्री सुधा चंद्रन जी की, जो एक बहुत अच्छी क्लासिकल डांसर भी थीं. सब कुछ बहुत ही अच्छा चल रहा था. हर तरफ उनके डांस की धूम थी और उसी समय एक दुर्घटना की वजह से डॉक्टर्स को उनका पैर काटना पड़ा और उन्हें नकली पैर लगाया गया. सोचिये, कितना दुखद रहा होगा वह समय उनके लिए, जैसे एक उड़ते हुए परिंदे के पर काट कर उसे  छोड़ दिया जाये। परंतु दोस्तों, ऊपर वाले ने हमे एक असाधारण शक्ति दी है  और अगर हम उसे पहचान कर अपने आत्म-विश्वास को दृढ़ कर  लें तो हमे कोई भी डिगा नहीं सकता यहाँ तक की बुरा समय भी नहीं और वही सुधा चंद्रन ने किया। वे तब तक डांस की प्रैक्टिस करती रहीं जब तक की वे पुनः उसी तरह नृत्य करने की अभ्यस्त नहीं हो गयीं. उन्होंने अपनी असाधारण इच्छा-शक्ति से वह कर दिखाया जो शायद ही कोई कर पाए. सो इस कहानी के द्वारा मै आपसे यही कहना चाहूंगी कि आत्म-विश्वास को निरंतर अभ्यास से बढ़ाया जा सकता है. सर्व-शक्तिमान ईश्वर ने हमें इच्छा-शक्ति दी ही अगर हम उसे पहचान कर लग जाएँ अपने अंदर छिपी हुई प्रतिभा को निखारने में, तो  कोई भी हमे आगे बढ़ने से रोक नहीं सकता.


आपको चाहिए कुछ हटकर 


दोस्तों, आज के ज़माने में जब लोग गला-काट प्रतिस्पर्धा से जूझ रहें हैं, तो ऐसे में हमे यह समझना बहुत ज़रूरी है कि  हम कैसे अपनी जगह सुनिश्चित कर पाएंगे. आखिर हमारे व्यक्तित्व में क्या ख़ास है और आत्म -विश्वास में हम कहाँ ठहरते हैं. दोस्तों, अगर हमे ज्ञान है तो हम अपने विचारों को बड़ी ही बेबाकी के साथ लोगों के सामने रख पातें  हैं  परंतु यदि हम ऐसा कर पाने में असमर्थ हैं, तो हमे अपने ज्ञान यानि knowledge को evaluate करना चाहिए. लोगों के विचारों को सुनना, किताबें पढ़ना, चर्चा discussions करना आदि हमे काफी हद तक आत्म-विश्वास को बढ़ा सकते हैं और इससे हमारे व्यक्तित्व पर भी एक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
आप सब अपना ध्यान रखें, बहुत जल्द ही मिलते हैं एक नए विषय पर नयी चर्चा के साथ.
नमस्कार,
ममता शर्मा.
चित्र :गूगल.कॉम 

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